सामाजिक समरसता के पुरोधा पं. दीनदयाल

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को उत्तर प्रदेश की पवित्र ब्रजभूमि मथुरा में नगला चंद्रभान नामक गांव में हुआ था। बचपन में एक ज्योतिषी ने इनकी जन्मकुंडली देख कर भविष्यवाणी की थी कि आगे चलकर यह बालक एक महान विद्वान एवं विचारक बनेगा, एक अग्रणी राजनेता और नि:स्वार्थ सेवाव्रती होगा मगर ये विवाह नहीं करेगा। उनका राजनैतिक विचार अंत्योदय है और जीवन दर्शन एकात्म मानववाद है। एकात्म मानवदर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित एक अद्वितीय सामाजिक और आर्थिक दर्शन है, जो भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों के…

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भाजपा की सदस्यता, विकसित भारत की ओर बढ़ता कदम

डा० बिपिन पाण्डेय  भारतीय जनता पार्टी ने अपना देशव्यापी सदस्यता अभियान सुरू किया, इसे संगठन पर्व 2024 नाम दिया गया है, सदस्यता किसी भी राजनीतिक दल का प्राण हुआ करती है। यह सदस्यता अभियान 2 सितम्बर 2024 को सायं 5 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डिजिटल माध्यम से 8800002024 नंबर पर मिस्डकाल करके सदस्य बनाकर शुरू किया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्यता अभियान पार्टी के विस्तार और जनसमर्थन को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख पहल है। यह अभियान पार्टी की जड़ों…

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बलराम जयंती पर विशेष

निर्बल के बलराम बलराम परमात्मा के अवतार हैं, बल और कृषि के देवता हैं, कृष्ण के बड़े भाई है, हल उनके कंधे पर है। नारायणीयोपाख्यान में वर्णित व्यूहसिद्धान्त के अनुसार विष्णु के चार रूपों में दूसरा रूप संकर्षण (प्रकृति = आदितत्त्व) हैं। संकर्षण बलराम का अन्य नाम है जो कृष्ण के भाई थे । संकर्षण के बाद प्रद्युम्न तथा अनिरुद्ध का नाम आता है जो क्रमशः मनस् एवं अहंकार के प्रतीक तथा कृष्ण के पुत्र एवं पौत्र हैं । ये सभी देवता के रूप में पूजे जाते हैं । इन…

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सम्भवामि युगे युगे

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भारत में भारतवर्ष के मथुरा नगर में हुआ था। कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, जिसे हम जन्माष्टमी के नाम से जानते है- यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌ । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ (गीता 4/7,8) जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं प्रकट होता हूँ (अवतरित होता हूँ)| साधुजनों का उद्धार करने…

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संस्कृत दिवस पर विशेष

भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतम् संस्कृतिस्तथा । संस्कृत दिवस श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिस दिन पूरा देश रक्षाबंधन मनाता है, बहने अपने भाई को रक्षासूत्र या राखी बांधती हैं, पुरोहित अपने यजमानों को रक्षासूत्र बांधते हैं वही दिन संस्कृत दिवस होता है, इस दिन वैदिक बटुकजन श्रावणी पर्व मनाते हैं, उसी दिन को संस्कृत दिवस मानते हैं “एकोऽहं बहुस्याम” की ब्रह्म आकांक्षा जिस दिन पूरी हुई वह दिन श्रावणी पूर्णिमा का था, वैदिक काल में इस दिन विद्यार्थी गुरुकुल में प्रवेश करते थे और शिक्षक विद्यार्थी की…

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पर्यावरण, जीव, सृजन ही जीवन है।

हृदयनारायण दीक्षित वातावरण में तनाव है। पृथ्वी का ताप बढ़ रहा है। सभी जीव व्यथित हैं। प्रकृति में अनेक जीव हैं। सब शुद्ध प्राण वायु पर निर्भर हैं। प्राण वायु का मुख्य स्रोत वनस्पतियां हैं। भारतीय राष्ट्रजीवन में वनस्पतियां, औषधियां देवता की श्रेणी में हैं। पीपल, बरगद, नीम, बेल आदि वृक्षों की उपासना होती है। गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि, ‘‘पीपल का वृक्ष मैं ही हूँ।‘‘ भारत की तरह दुनिया के किसी भी अन्य देश, संस्कृति व सभ्यता में वनस्पतियों और वृक्षों को नमस्कार नहीं किया गया।…

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केजरीवाल की ईडी रिमांड से चल रही सरकार

आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी की हिरासत से कोई आदेश देने से रोकने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि हिरासत के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल को टाइपिस्ट, कंप्यूटर, प्रिंटर आदि मुहैया न कराए जाएं। इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार जेल से नहीं चलेगी। इससे पहले केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी के मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में दवाओं और जांच की सुविधा…

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अनंत प्रस्थान पर स्वामी स्मरणानंद

नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के महापर्व की भागदौड़ के बीच एक ऐसी खबर आई, जिसने मन-मस्तिष्क में कुछ पल के लिए एक ठहराव सा ला दिया। भारत की आध्यात्मिक चेतना के प्रखर व्यक्तित्व श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज का समाधिस्थ होना, व्यक्तिगत क्षति जैसा है। कुछ वर्ष पहले स्वामी आत्मास्थानंद जी का महाप्रयाण और अब स्वामी स्मरणानंद का अनंत यात्रा पर प्रस्थान कितने ही लोगों को शोक संतप्त कर गया है। मेरा मन भी करोड़ों भक्तों, संत जनों और रामकृष्ण मठ एवं मिशन के अनुयायियों सा ही दुखी है। इस…

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कैसे देखते-देखते बदलने लगा कश्मीर

आर.के. सिन्हा अगर किसी ने फैसला ही कर लिया है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करना नहीं छोड़ेगा तो बात अलग है, पर हाल ही में उनका ( मोदी जी) श्रीनगर यात्रा के समय जिस तरह का उमंग और उत्साह के साथ स्वागत हुआ उससे सारा देश आश्वस्त महसूस कर रहा है। एक यकीन होने लगा है कि अब कश्मीर देश की मुख्यधारा से जुड़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा में उमड़ा जनसैलाब अविश्वसनीय था। सभा स्थल बख्शी स्टेडियम में मोदी जी का भाषण सुनने के लिए…

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प्रकृति की अंग-अंग उमंग का नाम है बसंत।

हृदयनारायण दीक्षित प्रकृति नित्य नूतन है। चिरन्तन और आनंदरस से परिपूर्ण। इसके अन्तःपुर में आनंदरस का महास्रोत है। भारतीय चिन्तन में इस स्रोत का नाम है-उत्स। उत्सव इसी आनंद रस का आपूरण है। यूरोप और अमेरिकी समाजों के उत्सव बाजार तय करता है और भारत के उत्सव तय करता है देश-काल। प्रकृति दर्शनीय है। नदियां हंसती नृत्य करती गति करती हैं। नदियों के तट पर उत्सव और नृत्य। काल सबका नियंता है। भारतीय उत्सवों में प्रकृति और मुहूर्त की जुगुलबन्दी है। होली भारत के मन का सामूहिक उल्लास है। द्यावा-अंतरिक्ष…

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