काशी। विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा चलाये जा रहे “श्रीराम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा गृह सम्पर्क अभियान” के क्रम में सोमवार धर्मसंघ में काशी दक्षिण भाग के कार्यक्रम में श्रीकाशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य नरेंद्ररानंद सरस्वती जी महाराज ने अपने सम्बोधन में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर ध्वंस से लेकर तब से अब तक के हिन्दू समाज के संघर्ष को स्मरण करते हुए कहा कि 22 जनवरी 2024 का दिन कोई साधारण दिन नहीं, अपितु हम सभी सनातन धर्मावलम्बियों के परम सौभाग्य का दिन है । हमारे लाखों लाख पूर्वजों के संघर्ष एवम् बलिदान के विजय का यह पावन पर्व हम अपनी आखों देख पायेंगे, इससे बड़ा हम सभी का सौभाग्य क्या हो सकता है। स्वामी शंकराचार्य जी महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन को जनान्दोलन बनाने वाले अशोक सिंहल, श्री गुरूजी, रज्जू भैया सहित लाखों जननायकों एवम् बलिदानियों का भी स्मरण किया, और उनके योगदान की विस्तृत चर्चा की ।
स्वामी शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि वैदिक सनातन धर्म का स्वर्णिम काल प्रारम्भ हो चुका है । इसके लिए हमें सतत जागरुक एवम् संगठित रहने की आवश्यकता है। जिस दिन देश में गोरक्षा कानून, समान शिक्षा नीति, समान नागरिक संहिता लागू हो जायेगी, उसी दिन यह माना जा सकता है कि देश वैदिक धरातल पर खड़ा हो चुका है। कार्यक्रम का शुभारम्भ पूज्य शंकराचार्य जी महाराज द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। कार्यक्रम के मंच पर वाराणसी के शिक्षाविद् सनातन धर्म इण्टरमीडिएट कालेज के से0नि0 प्राचार्य डा0 हरेन्द्र राय ने पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर धर्मसंघ के व्यवस्थापक जगजीतन राम पाण्डेय, स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती, विश्व हिन्दू परिषद् एवम् संघ परिवार के पदाधिकारियों सहित हजारों की संख्या में सनातन धर्मावलम्बियों की उपस्थिति रहीं। कार्यक्रम के अन्त में पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने काशी दक्षिण भाग के सभी खण्डों के पदाधिकारियों को श्रीअयोध्या धाम से पूजित अक्षत प्रदान किया।