प्रयागराज। रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या के पुरातन छात्र परिषद के संयोजन में स्वामी विवेकानंद जयंती पर सज्जा प्रतियोगिता एवं कवि सम्मेलन के मध्य युवा संगम/युवा संवाद संपन्न हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी ने विवेकानंद जी के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रसंग को सुनाया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ अना इलाहाबादी की सरस्वती वंदना से हुआ तत्पश्चात उन्होंने अपनी गजल “सभी खुश हों निरोगी हों सुखी जीवन मिले सबको, हो जिसकी प्रार्थना ऐसी वही सच्चा पुजारी है” से कवि सम्मेलन का आगाज किया तत्पश्चात विद्यालय के पूर्व छात्र एवं कवि आदर्श सिंह ने राष्ट्र की जय चेतना का उद्घोष किया उनके बाद वातेंद्र सिंह त्रिलोक चंदी ने “है आगमन है आगमन, है रामचंद्र रघुनाथ जी”से भगवान राम को याद किया तत्पश्चात कवि सम्मेलन का संयोजन कर रहे विद्यालय के पूर्व छात्र एवं राष्ट्रीय कवि शिवम भगवती ने अपनी रचना “निर्जन वन में पैदल जाना पड़ता है पितु वचनों का धर्म निभाना पड़ता है, राम राम कहने वाले यह भूल गए शबरी मां का जूठन खाना पड़ता है” इनके बाद लव कुश तिवारी ने”बिखरे चिराग को उठा जोड़ दें, फिर से जला आंधी का सर फोड़ दें” से चुनौती का एहसास कराया इनके बाद योगिता सिंह ने “मैं दासी श्री रामचंद्र की उनकी कथा सुनाती हूं” तत्पश्चात विद्यालय के पूर्व छात्र सुशांत राष्ट्रभक्त ने “अब सागर की बारी है, लड़ने की तैयारी है” उसके बाद विद्यालय के शिक्षक दिनेश शुक्ला ने “सदियों की रही प्रतीक्षा है, रघुवर की प्राण प्रतिष्ठा है” सुनाकर श्रोताओं को मंदिर निर्माण की याद दिलाई, अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जन कवि प्रकाश जी ने “शांति हमको क्यों जरूरी तब पता चल जाएगा, जब मनुज छोटे बड़े के नाम पर टकराएगा” सुना कर विवेकानंद जी के चरित्र की याद दिलाई।
धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे, संयोजन शिवनारायण सिंह एवं कार्यक्रम का संचालन दिनेश कुमार शुक्ला एवं सत्य प्रकाश पांडे, संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने किया।